सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

नागपंचमी विशेष सांप को दूध पिलाने से पहले जान लें, ये जरूरी बातें

आस्था की शक्ति मनीष गौतम रीवा 


नागपंचमी विशेष सांप को दूध पिलाने से पहले जान लें, ये जरूरी बातें


 


6/6यूं ही न बनें क‍िसी भी परंपरा का ह‍िस्‍सा


नागपंचमी के पर्व पर सांपों को दूध प‍िलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेक‍िन क्‍या आप जानते हैं क‍ि इस परंपरा के चलते नागपंचमी के द‍िन या फिर कुछ द‍िनों बाद क‍ितने सांपों की मौत हो जाती है। बता दें क‍ि इस बार नागपंचमी 25 जुलाई यानी क‍ि शन‍िवार को है। अगर आप भी ऐसा ही करते आए हैं तो इस बार इस परंपरा का ह‍िस्‍सा बनने से पहले यहां बताई गई बातों पर एक बार गौर जरूर कर लें। ताकि परंपराओं के नाम पर कहीं बेजुबानों जीवों की जान न चली जाए।


5/6भविष्य पुराण में नागपूजा का ज‍िक्र


भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में नागपूजा और नागों को दूध अर्पित करने का जिक्र किया गया है। मान्‍यता है कि सावन के महीने में नाग देवता की पूजा करने और नाग पंचमी के दिन दूध अर्पित करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और नाग दंश का भय नहीं रहता है। इसका कारण यह है कि महाराज जनमेजय से नाग यज्ञ से नागों का शरीर जल गया था। नागों की रक्षा आस्तिक मुनि ने की और इनके जलते हुए शरीर पर दूध डालकर शीतलता प्रदान की। उस समय से यह भी मान्यता है कि नागों की पूजा से अन्‍न-धन के भंडार भी भरे रहते हैं। मगर विज्ञान की मानें तो सांप को दूध पिलाना काफी नुकसानदेय है।
ऐसा क्या हुआ देवी पार्वती ने दिया पति भोलेनाथ के साथ विष्णु को भी शाप


4/6नाग को दूध प‍िलाने की धार्मिक मान्‍यताएं


मान्‍यता है क‍ि नाग पंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने और धान का लावा अर्पित करने की परंपरा है। इस दिन सपेरे टोलियों में घर-घर घूमकर नागों के दर्शन करवाते हैं और भिक्षा मांगते हैं। श्रद्धालु नागों को दूध पिलाने के साथ सपेरे को भी दान देते हैं। लेकिन धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु हो जाती है। इसलिए शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। लेकिन लोगों ने सांप को दूध प‍िलाने की परंपरा ही शुरू कर दी। जबक‍ि इससे सांपों की ज‍िंदगी पर बन आती है।


3/6सांप को दूध प‍िलाने पर वैज्ञानिक मत


विज्ञान कहता है सांप को दूध पिलाना खतरनाक है। विज्ञान की मानें तो सांप रेप्‍टाइल जीव हैं न कि स्‍तनधारी। रेप्‍टाइल जीव दूध को हजम नहीं कर सकते और ऐसे में उनकी मृत्‍यु तक हो जाती है। दूध पिलाने से सांप की आंत में इन्‍फेक्‍शन हो सकता है। इसके चलते सांप की जिंदगी पर बन आती है।


2/6यह भी है मुख्‍य वजह



दरअसल नाग पंचमी से महीने-डेढ़ महीने पहले जंगल से सांपों को पकड़ा जाता है। उसके बाद इन्‍हें बहुत ही निर्ममता से भूखा-प्‍यासा रखा जाता है और कई बार तो इनके दांत तक निकाल दिए जाते हैं। ताकि ये काट न सकें। एक महीने तक इस तरह से रहने के बाद सांप का शरीर सूख जाने के साथ ही उनकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। यही वजह है एक महीने तक भूखा-प्‍यासा रहने के बाद नागपंचमी वाले दिन सांप तेजी से दूध पी लेते हैं। जो क‍ि इनके लिए बहुत ही नुकसानदेय होता है।


1/6यूं बन जाता है दूध सांप के ल‍िए जहर


सर्प विशेषज्ञों के अनुसार सपेरे नाग पंचमी से पहले ही सांपों को पकड़कर उनके दांत तोड़ देते हैं और जहर की थैली निकाल लेते हैं। इससे सांप के मुंह में घाव हो जाता है। इसके बाद सपेरे सांप को भूखा रखते हैं और नागपंचमी के द‍िन इन्‍हें दूध प‍िलाते हैं। सांप क्‍योंक‍ि मांसाहारी है इसलिए भूख-प्‍यास से परेशान सांप दूध को पानी समझकर पीते हैं। जिससे उनके मुंह में बने घाव में मवाद बन जाता है और इससे कुछ ही द‍िनों में सांपों की मौत तक हो जाती है। इसलिए बेहतर यही है क‍ि सांपों को नागपंचमी पर दूध प‍िलाने से बचें।
ओम मंत्र की शक्ति वास्तु दोष ही नहीं, रोगों से भी पाएं मुक्ति


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग

 डा. मनीष गौतम देवतालाब इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग Devtalav temple: मध्यप्रदेश में रीवा जिले के देवतालाब में भगवान शिव जी का ऐतिहासिक मंदिर है। जिसमें हर समय श्रद्धालुयों की भारी भीड़ आती है। मां शारदा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य डॉ मनीष गौतम महाराज ने बताया कि लाखों लोग देश-विदेश से भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हर साल में सावन माह में तो श्रद्धालयों की भारी भीड़ जमा होती है।  विश्व का इकलौता एक पत्थर का बना मंदिर देवतालाब मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सुबह जब लोगों ने देखा तो यहां पर बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ मिला था, लेकिन किसी ने इसको बनते हुआ नहीं देखा। कुछ जानकारों ने बताया कि मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की स्थापना अपने आप हो गई थी। यह शिवलिंग बहुत ही रहस्यमयी है, जो दिन में चार बार अपना रंग बदलती है। एक ही पत्थर का बना हुआ विश्व का यह अद्भुत मंदिर सिर्फ देवतालाब में स्थित है क्या है मंदिर की कह...

विन्ध्य के बड़े नेता बने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला कद बढ़ा

Manish gautam rewa  *छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं मध्‍य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल* *2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला।* रीवा। राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री होंगे। वह विन्ध्य के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। वह लगातार पांचवीं बार रीवा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं, साफ-सुथरी छवि है विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। *डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था* प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। युवावस्था में ही नेतृत्व के गुण विकसित होने के कारण वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के ...

👉चार माह से सोए देव देवउठनी एकादशी पर जागेंगे कल, भगवान विष्णु, चार्तुमास का होगा समापन

 Manish gautam चार माह से सोए देव देवउठनी एकादशी पर जागेंगे कल, भगवान विष्णु, 👉चार्तुमास का होगा समापन,  👉गृह प्रवेश, अनुष्ठान, विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य होंगे शुरू, ➡️मंगलवार 12 नवंबर को है। इस दिन तुलसी-शालीग्राम विवाह करने के साथ विवाह और सभी प्रकार के मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार माना गया है। विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत ही खास महत्व दिया जाता है। * देवउठनी एकादशी जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। • हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार । * नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। ➡️नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 12, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28 और 29 नवंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। ➡️दिसंबर में विवाह 04, 05, 09, 10 और 14 दिसंबर को ही विवाह के मुहूर्त हैं।