सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

हरतालिका तीज कब मनाई जाएगी ? इस बार क्‍या होने जा रहा है खास   

मनीष गौतम रीवा


हरतालिका तीज कब मनाई जाएगी ? इस बार क्‍या होने जा रहा है खास


  


1/7महिलाएं रखती हैं निर्जला व्रत



सौभाग्‍य की कामना और पति की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला व्रत हरतालिका तीज भाद्र मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। इस साल यह व्रत 21 अगस्‍त को है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत तोड़ती हैं और पति का आशीर्वाद लेकर इस व्रत को पूर्ण करती हैं। कुछ स्‍थानों पर कुंवारी कन्‍याएं भी सुयोग्‍य वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और राजस्थान में खास तौर पर मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी परंपराएं और मान्‍यताएं…


2/7गौरी-शंकर की होती है पूजा



इस व्रत में मुख्‍य रूप से भगवान शंकर और माता पार्वती की संयुक्‍त रूप से पूजा होती है। व्रत करने वाली महिलाएं इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्‍नान करने के बाद 16 श्रृंगार करती हैं। मान्‍यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए भी कठोर तपस्‍या की थी, तब जाकर भगवान शिव उन्‍हें पति के रूप में प्राप्‍त हुए थे। सबसे पहले माता पार्वती ने यह व्रत किया था और इसके प्रभाव से शिवजी उन्‍हें पति के रूप में प्राप्‍त हुए थे।


3/7हरतालिका तीज की कथा



हरतालिका तीज के व्रत की कथा भी माता पार्वती और शिवजी से जुड़ी हुई है। पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि पिता द्वारा कराए गए यज्ञ में जब माता पार्वती से शिवजी का अपमान बर्दाश्‍त नहीं हुआ तो उन्‍होंने उसी यज्ञ की अग्नि में कूदकर आत्‍मदाह कर लिया। फिर अगले जन्‍म में वह राजा हिमाचल की पुत्री उमा के रूप में जन्‍मी और इस जन्‍म में भी उन्होंने भगवान शिव को मन ही मन अपना पति मान लिया


4/7पिता को पसंद नहीं थे शिवजी



शिवजी का रहन-सहन और वेशभूषा राजा हिमाचल को पसंद नहीं था। इस संबंध में उन्‍होंने नारदजी से चर्चा की तो नारदजी ने उन्‍हें उमा का विवाह विष्‍णुजी से करने की सलाह दी। मगर पार्वतीजी तो शिवजी को अपना पति मान चुकी थीं। उन्‍होंने विष्‍णुजी से विवाह करने से इनकार कर दिया। तब उनकी सखियों ने इस विवाह को रोकने के लिए विशेष योजना बनाई।


5/7इसलिए इस व्रत का नाम पड़ा हरतालिका



पार्वती की सखियों ने उनकी मदद करने के लिए एक विशेष योजना बनाई। सखियां उनका अपहरण करके उन्‍हें जंगल में ले गईं ताकि उन्‍हें विष्‍णुजी से विवाह न करना पड़े। सखियों ने उनका हरण किया इसलिए इस व्रत का नाम हरतालिका तीज पड़ गया। जंगल में जाकर पार्वतीजी ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए उनकी तपस्‍या करना शुरू कर दिया। फिर शिवजी ने उन्‍हें दर्शन दिए और उन्‍हें पत्‍नी के रूप में स्‍वीकार किया। पार्वतीजी इस तपस्‍या को देखकर ही महिलाओं को हरतालिका तीज का व्रत करने की प्रेरण मिली। माना जाता है कि कुंवारी कन्‍याएं भी शिवजी जैसा सुयोग्‍य वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं।


6/7ऐसे किया जाता है व्रत



व्रत वाले दिन महिलएं सुहाग की सारी वस्‍तुएं माता पार्वती को अर्पित करती हैं। सुबह पूजा के बाद महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत करती हैं। पूजन के लिए गौरी-शंकर की मिट्टी की प्रतिमा बनाई जाती है। रात में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है।


7/7पूजन मुहूर्त



हरितालिका तीज शुक्रवार, अगस्त 21, 2020 को
प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त – 05 बजकर 54 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक।
प्रदोषकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त – 6 बजकर 54 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग

 डा. मनीष गौतम देवतालाब इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग Devtalav temple: मध्यप्रदेश में रीवा जिले के देवतालाब में भगवान शिव जी का ऐतिहासिक मंदिर है। जिसमें हर समय श्रद्धालुयों की भारी भीड़ आती है। मां शारदा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य डॉ मनीष गौतम महाराज ने बताया कि लाखों लोग देश-विदेश से भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हर साल में सावन माह में तो श्रद्धालयों की भारी भीड़ जमा होती है।  विश्व का इकलौता एक पत्थर का बना मंदिर देवतालाब मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सुबह जब लोगों ने देखा तो यहां पर बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ मिला था, लेकिन किसी ने इसको बनते हुआ नहीं देखा। कुछ जानकारों ने बताया कि मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की स्थापना अपने आप हो गई थी। यह शिवलिंग बहुत ही रहस्यमयी है, जो दिन में चार बार अपना रंग बदलती है। एक ही पत्थर का बना हुआ विश्व का यह अद्भुत मंदिर सिर्फ देवतालाब में स्थित है क्या है मंदिर की कह...

विन्ध्य के बड़े नेता बने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला कद बढ़ा

Manish gautam rewa  *छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं मध्‍य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल* *2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला।* रीवा। राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री होंगे। वह विन्ध्य के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। वह लगातार पांचवीं बार रीवा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं, साफ-सुथरी छवि है विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। *डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था* प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। युवावस्था में ही नेतृत्व के गुण विकसित होने के कारण वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के ...

👉चार माह से सोए देव देवउठनी एकादशी पर जागेंगे कल, भगवान विष्णु, चार्तुमास का होगा समापन

 Manish gautam चार माह से सोए देव देवउठनी एकादशी पर जागेंगे कल, भगवान विष्णु, 👉चार्तुमास का होगा समापन,  👉गृह प्रवेश, अनुष्ठान, विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य होंगे शुरू, ➡️मंगलवार 12 नवंबर को है। इस दिन तुलसी-शालीग्राम विवाह करने के साथ विवाह और सभी प्रकार के मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार माना गया है। विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत ही खास महत्व दिया जाता है। * देवउठनी एकादशी जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। • हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार । * नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। ➡️नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 12, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28 और 29 नवंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। ➡️दिसंबर में विवाह 04, 05, 09, 10 और 14 दिसंबर को ही विवाह के मुहूर्त हैं।