सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 'मौनी अमावस्या' के नाम से प्रसिद्ध है। जो इस वर्ष मंगलवार 1 फरवरी को पड़ रही है।

 मनीष गौतम रीवा

मौनी अमावस्या  


माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 'मौनी अमावस्या' के नाम से प्रसिद्ध है। जो इस वर्ष  मंगलवार 1 फरवरी को पड़ रही है।  

अमावस्या 31 जनवरी  की दिन 1 बजकर 15 मिनट से लग रही है जो 1 फरवरी को दिन 11  बजकर 16 मिनट तक रहेगी। उदय व्यापिनी ग्राह्य होने से  1 फरवरी को  मौनी अमावस्या मनायी जायेगी। 

इस पवित्र तिथि पर मौन रहकर अथवा मुनियों के समान आचरण पूर्वक स्नान-दान करने का विशेष महत्व है।  इस दिन त्रिवेणी अथवा गंगातट पर स्नान-दान की अपार महिमा है। 

मौनी अमावस्या को नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नान करके तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आँवला, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। इस दिन साधु, महात्मा तथा ब्राह्मणों के सेवन के लिए अग्नि प्रज्वलित करना चाहिए तथा उन्हे कम्बल आदि जाड़े के वस्त्र देने चाहिए-


तैलमामलकाश्चैव तीर्थे देयास्तु नित्यशः।

ततः प्रज्वालयेद्वह्निं सेवनार्थे द्विजन्मनाम्।।

कम्बलाजिनरत्नानि वासांसि विविधानि च।

चोलकानि च देयानि प्रच्छादनपटास्तथा।।


इस दिन गुड़ में काला तिल मिलाकर लड्डू बनाना चाहिए तथा उसे लाल वस्त्र में बाँधकर दान देना चाहिए। स्नान- दान आदि के अतिरिक्त इस दिन पितृ- श्राद्धादि करने का भी विधान है।

पद्मपुराण के उत्तरखण्ड में माघमास के अमावस्या के  माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा गया है कि व्रत, दान, और तपस्या से भी भगवान् श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में स्नानमात्र से होती है। इसलिए स्वर्गलाभ, सभी पापों से मुक्ति और भगवान् वासुदेव की प्रीति प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ स्नान करना चाहिए। इस माघमास में पूर्णिमा को जो व्यक्ति ब्रह्मवैवर्तपुराण का दान करता है, उसे ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है-


पुराणं ब्रह्मवैवर्तं यो दद्यान्माघमासि च।

अमावस्यां शुभदिने ब्रह्मलोके महीयते।।(मत्स्यपुराण ५३/३५)

माघमास की अमावस्या को प्रयागराज में तीन करोड़ दस हजार अन्य तीर्थों का समागम होता है। जो नियम पूर्वक उत्तम व्रत का पालन करते हुए माघमास में प्रयाग में स्नान करता है, वह सब पापों से मुक्त होकर स्वर्ग में जाता है।  माघ मास की ऐसी विशेषता है कि इसमें जहाँ-कहीं भी जल हो, वह गंगाजल के समान होता है, फिर भी प्रयाग, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार तथा अन्य पवित्र तीर्थों और नदियों में स्नान का बड़ा महत्व है। साथ ही मन की निर्मलता एवं श्रद्धा भी आवश्यक है


डॉ गणेश मिश्र

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग

 डा. मनीष गौतम देवतालाब इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग Devtalav temple: मध्यप्रदेश में रीवा जिले के देवतालाब में भगवान शिव जी का ऐतिहासिक मंदिर है। जिसमें हर समय श्रद्धालुयों की भारी भीड़ आती है। मां शारदा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य डॉ मनीष गौतम महाराज ने बताया कि लाखों लोग देश-विदेश से भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हर साल में सावन माह में तो श्रद्धालयों की भारी भीड़ जमा होती है।  विश्व का इकलौता एक पत्थर का बना मंदिर देवतालाब मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सुबह जब लोगों ने देखा तो यहां पर बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ मिला था, लेकिन किसी ने इसको बनते हुआ नहीं देखा। कुछ जानकारों ने बताया कि मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की स्थापना अपने आप हो गई थी। यह शिवलिंग बहुत ही रहस्यमयी है, जो दिन में चार बार अपना रंग बदलती है। एक ही पत्थर का बना हुआ विश्व का यह अद्भुत मंदिर सिर्फ देवतालाब में स्थित है क्या है मंदिर की कह...

विन्ध्य के बड़े नेता बने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला कद बढ़ा

Manish gautam rewa  *छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं मध्‍य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल* *2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला।* रीवा। राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री होंगे। वह विन्ध्य के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। वह लगातार पांचवीं बार रीवा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं, साफ-सुथरी छवि है विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। *डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था* प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। युवावस्था में ही नेतृत्व के गुण विकसित होने के कारण वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के ...

👉चार माह से सोए देव देवउठनी एकादशी पर जागेंगे कल, भगवान विष्णु, चार्तुमास का होगा समापन

 Manish gautam चार माह से सोए देव देवउठनी एकादशी पर जागेंगे कल, भगवान विष्णु, 👉चार्तुमास का होगा समापन,  👉गृह प्रवेश, अनुष्ठान, विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य होंगे शुरू, ➡️मंगलवार 12 नवंबर को है। इस दिन तुलसी-शालीग्राम विवाह करने के साथ विवाह और सभी प्रकार के मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार माना गया है। विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत ही खास महत्व दिया जाता है। * देवउठनी एकादशी जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। • हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार । * नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। ➡️नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 12, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28 और 29 नवंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। ➡️दिसंबर में विवाह 04, 05, 09, 10 और 14 दिसंबर को ही विवाह के मुहूर्त हैं।