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गुप्त नवरात्र विशेष -कालीखोह मंदिर जहां लगती है तांत्रिकों की भीड़

Manish gautam rewa 

 गुप्त नवरात्र विशेष -कालीखोह मंदिर जहां लगती है तांत्रिकों की भीड़

माता महाकाली


दर्शन मात्र से भक्तों की पूरी होती है मनोकामना

विंध्याचल धाम में हमेशा से ही तंत्र साधना के लिए विशेष जगह मानी जाती है विंध्याचल पर्वत पर स्थित है माता महाकाली का मंदिर लोग इस मंदिर को कालीखोह की माता का मंदिर कहते हैं देश के जाने-माने हस्तरेखा कुंडली विशेषज्ञ डॉ मनीष गौतम महराज ने बताया कि पूरे विश्व का यह एकमात्र मंदिर है जहां पर माँ महाकाली माता खेचरी मुद्रा में है आज इस मंदिर के रहस्य से आपको रूबरू कराएंगे

शक्ति आराधना के लिए विन्ध्य पहाड़ पुरातन काल से ही प्रसिद्ध है यहां पर विंध्यवासिनी माँ अष्टभुजा माता माँ महाकाली के मंदिर स्थित है महाकाली मंदिर को लोग कालीखोह वाली माता के नाम से जानते हैं इस मंदिर पर तंत्र साधना का विशेष महत्व है काली खोह मंदिर में तंत्र साधना के लिए तांत्रिक देश-विदेश से आते हैं एवं माता महाकाली की साधना एवं उपासना करते हैं एवं सिद्धि प्राप्त करते हैं


कैसे किया था यह रूप धारण

सभी भक्त पूरी श्रद्धा से मां का दर्शन करते हैं यहां पर यह कहा जाता है कि तंत्र विधाओं की सिद्धि बहुत ही आसानी से हो जाती है जिसकी वजह से तांत्रिको का जमावड़ा यहां पर रहता है सभी भक्त यहां पर अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए मां के दर्शन एवं पूजा आराधना के लिए आते हैं इस मंदिर की विशेषता सबसे अलग है मां का मुख यहां पर खेचरी मुद्रा में स्थित है यानी कि ऊपर की तरफ है पुराने समय में रक्तबीच नामक दानव ने स्वर्ग लोक पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया था तब सभी देवताओं को वहां से भगा दिया था तब सभी देवताओं ने माता से प्रार्थना की जिसकी वजह से विंध्यवासिनी ने महाकाली का ऐसा रूप धारण किया जिससे भक्तों का कल्याण होता है


मां के मुंह में किसी भी प्रसाद का कहां गया पता नहीं चलता है

रक्तबीज नामक दानव को जब ब्रह्मा जी ने वरदान दिया था कि उसका अगर एक भी बूद खून पृथ्वी पर गिरेगा उससे लाखों राक्षस जन्म ले लेंगे इसी दानव के समाप्त हेतु महाकाली ने रक्त पान करने के लिए अपना मुख ऊपर की ओर खोल दिया था जिससे धरती पर एक भी बूद ना गिरे रक्तबीज नामक दानव का वध करने के बाद मां का एक यैसा भी रूप प्राप्त होता है देखने को मिलता है की माता के मुख में चाहे जितना भी प्रसाद फल फूल चढ़ा दीजिए कहां जाता है इसका पता आज तक कोई नहीं कर पाया है वैज्ञानिक भी इस चमत्कार को देखकर हैरान रहते हैं


पूरी होती है मनोकामना


कालीखोह की महाकाली माता के दर्शन करने मात्र से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है यहां पर देश-विदेश से काफी संख्या में भक्त आते हैं और माता से वरदान मांगते हैं और कुछ समय बाद उनकी मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है

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